पीएलजीए सप्ताह पर माओवादी हमला तेज करने की तैयारी, सरकार हाई अलर्ट पर

Wed 26-Nov-2025,04:23 PM IST +05:30

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पीएलजीए सप्ताह पर माओवादी हमला तेज करने की तैयारी, सरकार हाई अलर्ट पर
  • आत्मसमर्पण की खबर के बीच माओवादियों का नया आक्रामक बयान जारी

  • पीएलजीए की 25वीं वर्षगांठ पर अंतिम सांस तक लड़ने का संदेश

  • सुरक्षा बल अलर्ट, सरकार 2026 तक उग्रवाद खत्म करने के लक्ष्य पर दृढ़

Maharashtra / Nagpur :

Nagpur/ प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) को लेकर एक दिन पहले एक खबर आई। पता चला कि उसने अपने बिखरे हुए कैडरों को आत्मसमर्पण करने और सरकारी पुनर्वास योजनाओं में शामिल होने का मौका देने के लिए नक्सल विरोधी अभियानों में तीन महीने का विराम मांगा है। लेकिन अब समूह के केंद्रीय सैन्य आयोग ने एक तीखा विरोधाभासी संदेश जारी किया है। इसमें उसने नक्सली कैडर्स से 2 से 8 दिसंबर तक पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) सप्ताह को क्रांतिकारी उत्साह और अंतिम सांस तक लड़ने की प्रतिबद्धता के साथ मनाने को कहा है।

पीएलजीए की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर यह नया बयान जारी हुआ है। सीएमसी के इस नए बयान को सरकार के खिलाफ प्रतीकात्मक चुनौती माना जा रहा है। इस लेटर में कहा गया है कि यह साल पीएलजीए के लिए सबसे खूनी वर्षों में से एक है। इसके बावजूद यह धैर्य का क्षण है।

एक साल में मारे गए 320 माओवादी

माओवादियों ने स्वीकार किया कि पिछले एक साल में उनके 320 कैडर मारे गए हैं। जिन नक्सली कैडर्स को मारा गया है, उनमें 8 सेंट्रल कमेटी के सदस्य और 15 राज्य स्तरीय नेता था। इस लिस्ट में महासचिव बसवराज का नाम भी शामिल हैं। दंडकारण्य क्षेत्र में ही अकेले 243 नक्लसी मारे गए हैं।

मार्च 2026 तक खत्म हो जाएगा उग्रवाद?

सरकार, जो बार-बार दावा करती रही है कि मार्च 2026 तक उग्रवाद को कुचल दिया जाएगा, कड़ी निगरानी की तैयारी कर रही है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, कि माओवादी चाहे आत्मसमर्पण करें या लड़ने को तैयार हों, अगर उनके पास हथियार पाए जाते हैं तो सुरक्षा बल संघर्ष क्षेत्रों में उनका सामना करेंगे। कोई धीमापन या प्रतीक्षा करने की नीति नहीं है। हमारा पर्याप्त दबाव बना हुआ है और खुफिया जानकारी के आधार पर अभियान जारी रहेंगे।

सशस्त्र कार्रवाइयों की तीव्रता में कमी को स्वीकार करते हुए, सीएमसी ने 116 सुरक्षाकर्मियों के मारे जाने का दावा किया है। हालांकि यहां के नक्सल विरोधी तंत्र ने फर्जी आंकड़े बताया है। कहा है कि जमीनी स्तर पर इसका कोई आंकड़ा नहीं है।

भूपति को कोसा

अपनी आंतरिक आलोचना में, सीएमसी ने भूपति-सतीश गुट की निंदा की और उस पर 227 से ज़्यादा हथियारों के साथ आत्मसमर्पण करने के बाद विश्वासघात का आरोप लगाया। समूह को क्रांतिकारी गद्दार बताते हुए, नेतृत्व ने कैडर्स से कहा कि सशस्त्र संघर्ष ही जीत का एकमात्र रास्ता है। सगंठन ने मार्च 2026 के बाद भी अभियान जारी रखने का वादा किया है।

माओवाद अभियान यूं बढ़ाने को कहा

पीएलजीए सप्ताह के निर्देशों में छोटी बैठकें, पोस्टर अभियान और भर्ती अभियान शामिल हैं। इसमें गोपनीयता पर जोर देने को कहा गया है। बयान में कहा गया है कि पार्टी, पीएलजीए और क्रांतिकारी आंदोलन की रक्षा के अपने कर्तव्य को पूरा करने के एक हिस्से के रूप में वर्षगांठ मनाएं। यह महाराष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उग्रवाद-विरोधी अभियानों को बिना रुके बड़े पैमाने पर आत्मसमर्पण का समर्थन करने की तत्परता के संकेत के तुरंत बाद आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी दोहराया है कि सुरक्षा बल कुछ ही महीनों में उग्रवाद को समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

एजेंसियां अलर्ट

वर्षगांठ सप्ताह से पहले सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं, उन्हें चिंता है कि लामबंदी का नया आह्वान सीपीआई (माओवादी) के अपने सिकुड़ते गढ़ों में मनोबल बढ़ाने और अपनी प्रासंगिकता फिर से स्थापित करने के प्रयास का संकेत हो सकता है। माओवादी पिछले ढाई दशकों से अपने मारे गए साथियों की याद में पीएलजीए सप्ताह मनाते आ रहे हैं। वह अपने लड़ाकों के कारनामों को उजागर करते हैं और कार्यकर्ताओं को अपने साथ जुड़ने के लिए प्रेरित करते हैं। अब वे अपने प्रतिरोध को दर्शाने के लिए अंतिम सांस तक लड़ने की कसम खा रहे हैं।