गोवा क्लब हादसा: आतिशबाजी से लगी आग में 25 मौतें, मालिक पर FIR और बड़ा एक्शन

Sun 07-Dec-2025,08:35 PM IST +05:30

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गोवा क्लब हादसा: आतिशबाजी से लगी आग में 25 मौतें, मालिक पर FIR और बड़ा एक्शन Goa-Night-Club-Fire-Update
  • आतिशबाजी से लगी आग में 25 लोगों की मौत, कई घायल.

  • मुख्यमंत्री ने जांच समिति गठित की, मालिकों पर FIR.

  • क्लब में निकास द्वार सीमित, सुरक्षा नियमों की खुली अनदेखी.

Goa / Goa Velha :

Goa / गोवा के अरपोरा स्थित बर्च बाय रोमियो लेन नाइट क्लब में शनिवार देर रात लगी आग ने पूरे देश को हिला दिया। शुरुआत में दावा किया जा रहा था कि हादसा सिलेंडर फटने से हुआ, लेकिन मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने साफ कर दिया है कि आग का असली कारण सिलेंडर नहीं, बल्कि क्लब के अंदर की गई आतिशबाजी थी। सीमित निकास द्वारों के कारण लोग समय पर बाहर नहीं निकल सके, जिससे यह त्रासदी और भी भयावह बन गई।

मुख्यमंत्री सावंत ने बताया कि क्लब में सुरक्षा मानकों का गंभीर रूप से उल्लंघन किया गया था। न तो उचित सुरक्षा इंतज़ाम थे और न ही पर्याप्त निकास मार्ग। जिस समय आतिशबाजी की जा रही थी, क्लब के अंदर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। बाहर निकलने का रास्ता बेहद तंग था, जिसके चलते 25 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए। इसमें चार पर्यटक भी शामिल हैं। यह घटना बताती है कि मनोरंजन स्थलों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी कितनी भारी पड़ सकती है।

सावंत ने सिलेंडर विस्फोट की अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि यह घटना पूरी तरह से लापरवाही का परिणाम है। सरकार ने मामले की तह तक पहुंचने के लिए फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी गठित कर दी है, जो एक हफ्ते के भीतर विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी। साथ ही, मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी की गई है। सरकार ने पीड़ित परिवारों को उनके घर तक पूरी सहायता से पहुंचाने के निर्देश दिए हैं, जिसके लिए एक विशेष टीम बनाई गई है।

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और डीजीपी को इस पूरे मामले पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। घटना के बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की है—क्लब के मालिक गौरव लुथरा और सौरभ लुथरा के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। वहीं, क्लब मैनेजर को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इतना ही नहीं, स्थानीय सरपंच रोशन रेडकर, जिन्होंने 2013 में परिसर को व्यापार लाइसेंस जारी किया था, उन्हें भी हिरासत में लिया गया है। यह कदम दर्शाता है कि सरकार सभी संबंधित जिम्मेदार लोगों को कानून के दायरे में ला रही है।

प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि क्लब ने अवैध निर्माण किया था और सुरक्षा मानकों की पूरी अनदेखी की गई थी। आने-जाने का रास्ता इतना संकरा था कि लोग भगदड़ में फंस गए। क्लब की लोकप्रियता और वहां होने वाली पार्टियों के बीच सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया। इसी लापरवाही ने कई परिवारों से उनके अपने छीन लिए।

यह हादसा सिर्फ एक आग नहीं, बल्कि चेतावनी है—मनोरंजन की जगहें तभी सुरक्षित होती हैं जब सुरक्षा मानकों को गंभीरता से लागू किया जाए। गोवा सरकार की त्वरित कार्रवाई से उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।