सोनिया गांधी की विवादित टिप्पणी पर राष्ट्रपति भवन का तीखा पलटवार
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New Delhi/ संसद के बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी की टिप्पणी विवादों में आ गई। सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति के संबोधन को लेकर कहा कि वह इतने लंबे भाषण से थक गई होंगी, "बेचारी महिला" शब्द का इस्तेमाल करते हुए इस पर टिप्पणी की। इस पर राष्ट्रपति भवन ने तीखा प्रतिक्रिया दी और इसे 'Poor Taste' और 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया। राष्ट्रपति भवन ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू अपने भाषण के दौरान कभी भी थकी हुई नहीं दिखीं और उनका भाषण हाशिए पर पड़े समुदायों, महिलाओं और किसानों के लिए प्रेरणादायक था। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि यह टिप्पणी उनके कार्यालय की गरिमा को ठेस पहुंचाती है और यह सच्चाई से कोसों दूर है।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने अपनी मां सोनिया गांधी का बचाव करते हुए कहा कि उनकी मां का इरादा किसी को अपमानित करने का नहीं था, बल्कि वह राष्ट्रपति के लंबा भाषण पढ़ने के बाद थक जाने की बात कर रही थीं। प्रियंका ने मीडिया पर आरोप लगाया कि उसने इस बयान को गलत तरीके से पेश किया। प्रियंका ने कहा कि सोनिया गांधी का राष्ट्रपति मुर्मू के प्रति गहरा सम्मान है, और उनके बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया है। इस विवाद के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोला और सोनिया गांधी से बिना शर्त माफी मांगने की मांग की। भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि सोनिया की टिप्पणी उच्च पद का अपमान करती है और यह उनकी सामंती मानसिकता को दर्शाती है। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने भी कहा कि यह टिप्पणी कांग्रेस की आदिवासी विरोधी और अभिजात्यवादी मानसिकता को उजागर करती है, और उन्होंने कांग्रेस से बिना शर्त माफी की मांग की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण में मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया गया, जिसमें भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, विदेशों से बढ़ता निवेश और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर शामिल हैं। उन्होंने इस बात को भी महत्वपूर्ण बताया कि केंद्र सरकार ने लोन और बीमा को आम लोगों के लिए सुलभ बना दिया है। इसके अलावा, जम्मू कश्मीर में रेल परियोजना के पूरी होने को भी एक बड़ी उपलब्धि के रूप में प्रस्तुत किया गया।