भारत में साइबर अपराध नियंत्रण हेतु केंद्र सरकार की योजनाएं और पहलें

Tue 05-Aug-2025,04:40 PM IST +05:30

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भारत में साइबर अपराध नियंत्रण हेतु केंद्र सरकार की योजनाएं और पहलें महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध साइबर अपराधों से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रशिक्षण, फॉरेंसिक लैब्स और रिपोर्टिंग पोर्टल जैसी प्रमुख पहलों की शुरुआत।
  • 24,600 + अधिकारियों को साइबर अपराध जांच व प्रशिक्षण प्रदान

  • साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल से ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की सुविधा

  • साइबर अपराध नियंत्रण के लिए 33 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में फॉरेंसिक लैब्स स्थापित

Delhi / New Delhi :

यह जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री बंदी संजय कुमार द्वारा लोकसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से दी गई। उनके अनुसार, ‘पुलिस’ और ‘सार्वजनिक व्यवस्था’ संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत राज्य सूची के विषय हैं। अतः अपराधों की रोकथाम, पता लगाना, जांच और अभियोजन की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों (LEAs) की होती है। केंद्र सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत सलाह और वित्तीय सहायता प्रदान करके राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों को मजबूत बनाती है।

महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध साइबर अपराधों सहित साइबर अपराधों से समग्र और समन्वित ढंग से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने निम्नलिखित प्रमुख कदम उठाए हैं:

  1. CCPWC योजना के तहत सहायता:
    ‘महिला और बालक के विरुद्ध साइबर अपराध निवारण योजना (Cyber Crime Prevention against Women and Children - CCPWC)’ के तहत केंद्र सरकार ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को ₹132.93 करोड़ की वित्तीय सहायता प्रदान की है। इसका उद्देश्य साइबर फॉरेंसिक सह प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित करना, जूनियर साइबर सलाहकारों की नियुक्ति करना और कानून प्रवर्तन एजेंसियों, लोक अभियोजकों तथा न्यायिक अधिकारियों को प्रशिक्षण देना है।

  2. प्रयोगशालाओं की स्थापना:
    33 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में साइबर फॉरेंसिक सह प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं, जिनमें आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर आदि शामिल हैं। तमिलनाडु में प्रयोगशाला आंशिक रूप से कार्यरत है।

  3. प्रशिक्षण कार्यक्रम:
    LEAs, लोक अभियोजकों और न्यायिक अधिकारियों के लिए साइबर अपराध से संबंधित जांच, फॉरेंसिक और अभियोजन को बेहतर तरीके से समझने हेतु प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। अब तक 24,600 से अधिक कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।

  4. साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल:
    साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in को 20 सितंबर 2018 को प्रारंभ किया गया, जिसे 30 अगस्त 2019 को नया रूप दिया गया। इस पोर्टल के माध्यम से नागरिक सभी प्रकार के साइबर अपराधों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों से संबंधित मामलों की ऑनलाइन रिपोर्ट कर सकते हैं।

  5. CP/RGR सामग्री हटाने के लिए अधिसूचना:
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79(3)(b) के तहत बाल यौन शोषण सामग्री, बलात्कार/सामूहिक बलात्कार की सामग्री को हटाने के लिए नोटिस जारी करने हेतु अधिकृत किया गया है।

  6. NCMEC के साथ समझौता:
    NCRB और अमेरिका के ‘नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन’ (NCMEC) के बीच 26 अप्रैल 2019 को एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं ताकि NCMEC से ऑनलाइन बाल यौन शोषण सामग्री की रिपोर्ट प्राप्त की जा सके।

  7. I4C की स्थापना:
    केंद्र सरकार ने एक नीतिगत निर्णय के तहत ‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ (Indian Cyber Crime Coordination Centre - I4C) को 1 जुलाई 2024 से एक संलग्न कार्यालय के रूप में स्थापित किया है, जो पूरे देश में सभी प्रकार के साइबर अपराधों से समन्वित और व्यापक रूप से निपटेगा।

ये सभी पहलें देश में साइबर अपराधों, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध हो रहे अपराधों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।