सागरमाला योजना: भारत की पत्तन कनेक्टिविटी और तटीय विकास की दिशा में अग्रणी कदम
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सागरमाला योजना से तटीय विकास को बढ़ावा
11 पत्तन संपर्क परियोजनाएं सफलतापूर्वक पूर्ण
निर्यात प्रतिस्पर्धा और लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार
यह जानकारी लोकसभा में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन जयराम गडकरी द्वारा लिखित उत्तर में दी गई।
सागरमाला कार्यक्रम भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जो पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत संचालित होता है। इसका उद्देश्य भारत के विशाल समुद्री तट, नौगम्य जलमार्गों और रणनीतिक समुद्री व्यापार मार्गों की अविकसित क्षमता का उपयोग करना है, जिससे पत्तन आधारित विकास और तटीय समुदायों का उत्थान सुनिश्चित किया जा सके।
इस कार्यक्रम के माध्यम से जल और तटीय परिवहन को प्रोत्साहित करके लॉजिस्टिक लागत में कमी लाई जाती है और भारत के निर्यात को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाया जाता है, साथ ही भारी अवसंरचना निवेश की आवश्यकता भी कम होती है।
सरकार द्वारा पूरा किए गए और क्रियान्वयनाधीन पत्तन संपर्क परियोजनाओं की सूची, जिसमें लागत और समय की स्थिति का विवरण भी है, अनुबंध-I और अनुबंध-II के रूप में प्रस्तुत की गई है।
🔗 मंत्रालय द्वारा पूर्ण की गई 11 पत्तन संपर्क परियोजनाओं की सूची (PDF लिंक)
सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी स्वीकृत पत्तन संपर्क परियोजना को रोका या छोड़ा नहीं गया है।