भारत में एआई हेल्थकेयर क्रांति: निदान, स्क्रीनिंग और टेलीमेडिसिन में बड़ी छलांग

Sat 06-Dec-2025,01:56 AM IST +05:30

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भारत में एआई हेल्थकेयर क्रांति: निदान, स्क्रीनिंग और टेलीमेडिसिन में बड़ी छलांग
  • भारत ने AIIMS दिल्ली, PGIMER चंडीगढ़ और AIIMS ऋषिकेश को हेल्थकेयर AI Excellence Centers घोषित कर स्वास्थ्य सेवाओं में AI अपनाने की रफ्तार बढ़ाई।

  • ई-संजीवनी में AI आधारित CDSS के जुड़ने से 282 मिलियन परामर्शों में गुणवत्ता, मानकीकृत डेटा संग्रह और डिजिटल हेल्थ सर्विस में सुधार आया।

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    मधुनेत्रAI, CATB और अन्य एआई समाधानों से डायबिटिक रेटिनोपैथी व टीबी स्क्रीनिंग तेजी से बढ़ी, हजारों मरीजों को सीधे लाभ मिला।

Delhi / New Delhi :

नई दिल्ली/ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुलभ, तेज और सटीक बनाने के लिए अब बड़े स्तर पर ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ (AI) का उपयोग कर रहा है। मंत्रालय ने AI-आधारित नैदानिक उपकरणों और डिजिटल समाधानों को अपनाने के लिए तीन प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों- AIIMS दिल्ली, PGIMER चंडीगढ़ और AIIMS ऋषिकेश- को आधिकारिक रूप से “Centers of Excellence for Artificial Intelligence (CoE-AI)” के रूप में नामित किया है।

इन केंद्रों का उद्देश्य है- एआई समाधान विकसित करना, परीक्षण करना और उन्हें देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं में लागू करना। मंत्रालय ने तकनीकी सहायता के लिए IISC, ICMR, MeitY, Central TB Division और Wadhwani AI जैसे शीर्ष संस्थानों से व्यापक साझेदारी की है।

मधुनेत्रAI: डायबिटिक रेटिनोपैथी पहचान में एआई का उपयोग

भारत में मधुमेह से जुड़ी आंखों की बीमारी डायबिटिक रेटिनोपैथी तेजी से बढ़ रही है। इसे समय रहते पहचानना बेहद जरूरी है। इसी को देखते हुए मधुनेत्रAI नामक एक उन्नत AI आधारित समाधान विकसित किया गया है।
यह सिस्टम गैर-विशेषज्ञ स्वास्थ्य कर्मियों को केवल रेटिना फंडस छवि लेकर एआई के माध्यम से तुरंत बीमारी की गंभीरता बताता है।
यह समाधान अब तक 11 राज्यों के 38 स्वास्थ्य संस्थानों में लागू हो चुका है।
अब तक 14,000+ रेटिना इमेजेज की जांच में इसका उपयोग हुआ है और 7,100 से अधिक मरीजों को समय पर इलाज का लाभ मिला है।

ई-संजीवनी में AI आधारित Clinical Decision Support System (CDSS)

देश के सबसे बड़े टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म ई-संजीवनी में CDSS AI को जोड़ा गया है।
इसका उद्देश्य है- डॉक्टरों को प्रारंभिक शिकायत दर्ज करते ही विभेदक निदान की AI-अनुशंसित सूची मिल सके, जिससे परामर्श की गुणवत्ता बढ़े।
अप्रैल 2023 से लेकर नवंबर 2025 तक यह प्रणाली 282 मिलियन परामर्शों में अहम भूमिका निभा चुकी है।
यह कदम देशभर के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स में मानकीकृत डेटा कैप्चर सुनिश्चित करता है।

फेफड़ों की टीबी की पहचान में “Cough Against TB (CATB)” AI समाधान

टीबी उन्मूलन को गति देने के लिए CATB एआई सॉल्यूशन का उपयोग समुदाय स्तर पर स्क्रीनिंग में किया जा रहा है।
इसने परंपरागत तरीकों की तुलना में 12–16% अधिक केस यील्ड दर्ज की है।
मार्च 2023 से नवंबर 2025 तक 1.62 लाख लोगों की स्क्रीनिंग में इस एआई समाधान का उपयोग हुआ है।

सख्त मानक और डेटा सुरक्षा पर जोर

एआई समाधानों को लागू करते समय सरकार MeitY AI Governance Guidelines, ICMR Ethical Guidelines, IT Act 2000, DPDP Act 2023 और स्वास्थ्य मंत्रालय की Information Security Policy का पालन कर रही है।
इससे सुनिश्चित किया जा रहा है कि मरीजों का डेटा सुरक्षित रहे और एआई मॉडल पारदर्शिता व विश्वसनीयता बनाए रखें।

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने राज्यसभा में बताया कि आने वाले समय में एआई स्वास्थ्य सेवा का अहम हिस्सा बनेगा और भारत इसे तेजी से अपनाने की ओर अग्रसर है।