छगन भुजबल ने ली मंत्री पद की शपथ | महाराष्ट्र मंत्रिमंडल विस्तार 2025 | OBC नेता की वापसी

Tue 20-May-2025,02:01 PM IST +05:30

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छगन भुजबल ने ली मंत्री पद की शपथ | महाराष्ट्र मंत्रिमंडल विस्तार 2025 | OBC नेता की वापसी छगन भुजबल ने ली मंत्री पद की शपथ
  • छगन भुजबल ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद की शपथ ली।

  • ओबीसी वर्ग के प्रमुख नेता के रूप में उनकी वापसी।

  • धनंजय मुंडे की जगह मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।

Maharashtra / Mumbai :

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर बड़ा घटनाक्रम सामने आया है, जहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। राजभवन में हुए इस शपथग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और एनसीपी नेता अजित पवार मौजूद रहे। भुजबल की शपथ से यह संकेत मिला है कि महायुति सरकार में ओबीसी नेताओं को फिर से महत्व दिया जा रहा है।

छगन भुजबल को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की जानकारी उन्हें पहले ही दे दी गई थी, जिसे उन्होंने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था। शपथ लेने के बाद उन्होंने कहा कि वह हमेशा से दी गई हर जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा के साथ निभाते आए हैं, और जो भी नई जिम्मेदारी उन्हें मिलेगी, वह उसे भी उसी तरह निभाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अंत भला तो सब भला।

छगन भुजबल महाराष्ट्र की राजनीति के अनुभवी और मजबूत नेता माने जाते हैं। वह पहले भी कई विभागों के मंत्री रह चुके हैं, जिनमें गृह मंत्रालय भी शामिल है। एकनाथ शिंदे ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि सरकार को उनके अनुभव से काफी लाभ मिलेगा।

यह शपथग्रहण इसलिए भी अहम है क्योंकि दिसंबर 2024 में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में भुजबल को जगह नहीं दी गई थी, जिससे वे सार्वजनिक रूप से नाराज हो गए थे। उन्होंने तब साफ तौर पर कहा था कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनका नाम मंत्रिमंडल में शामिल करने की सिफारिश की थी, लेकिन कुछ कारणों से उन्हें जगह नहीं दी गई। इसके बाद उन्होंने फडणवीस से मुलाकात भी की थी।

छगन भुजबल नासिक जिले की येवला विधानसभा सीट से विधायक हैं और ओबीसी समाज का बड़ा चेहरा माने जाते हैं। इस बार उन्हें धनंजय मुंडे की जगह मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। मुंडे ने मार्च महीने में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि उनके इस्तीफे के पीछे बीड जिले की एक सरपंच की हत्या का मामला भी जुड़ा हुआ बताया जा रहा है, जिसमें उनके सहयोगी वाल्मिकी कराड का नाम सामने आया था।

मंत्रिमंडल में छगन भुजबल की वापसी को न केवल एनसीपी के लिए बल्कि राज्य की राजनीति के लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे महायुति सरकार में ओबीसी वर्ग का प्रतिनिधित्व मजबूत हुआ है और पार्टी के अंदर असंतोष की स्थिति को भी संतुलित करने का प्रयास किया गया है। उनके अनुभव और राजनीतिक पकड़ को देखते हुए उन्हें एक बार फिर से अहम भूमिका दी गई है।