President Murmu Odisha Assembly Address : भारत के 2047 लक्ष्य को सशक्त करने का आह्वान किया
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ओडिशा विधानसभा को संबोधित करते हुए 2036 तक समृद्ध ओडिशा बनाने और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य में योगदान देने का आह्वान किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि ओडिशा की प्राकृतिक, सांस्कृतिक और मानव संपदाएँ राज्य को राष्ट्रीय विकास की अग्रिम पंक्ति में लाने में सक्षम हैं। 2036 तक "समृद्ध ओडिशा" का लक्ष्य पूरा होना भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में राज्य का सबसे बड़ा योगदान होगा।
ओडिशा/ ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ओडिशा विधानसभा के सभी सदस्यों को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने विकास, लोकतंत्र, महिला सशक्तिकरण और जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारियों पर विशेष जोर दिया। सदन में प्रवेश करते ही राष्ट्रपति की पुरानी यादें ताजा हो गईं उन्होंने याद किया कि कैसे वह एक विधायक के रूप में यहां प्रश्न पूछती थीं और बाद में मंत्री के रूप में उन्हें प्रश्नों का उत्तर देना पड़ता था।
राष्ट्रपति ने कहा कि ओडिशा ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि यह वही भूमि है जहां सम्राट अशोक चंद्रशोक से धर्मशोक बने। ओडिशा के आदिवासी समुदायों ने भी विदेशी शासन के खिलाफ लगातार संघर्ष कर देश में अद्वितीय मिसाल कायम की है।
महिला सशक्तिकरण को लेकर उन्होंने कहा कि ओडिशा की महिलाएं हमेशा से नेतृत्व, परंपरा और क्षमता में देश से आगे रही हैं। राज्य की विधानसभा में भी महिलाओं का लंबे समय से मजबूत प्रतिनिधित्व रहा है। उन्होंने गर्व व्यक्त किया कि ओडिशा की महिलाएं आज विभिन्न क्षेत्रों में देश का नाम रोशन कर रही हैं।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि 17वीं विधानसभा ने कम समय में कई सार्थक और संवेदनशील चर्चाएँ की हैं, जो लोकतांत्रिक संवाद की मजबूत परंपरा को दर्शाती हैं। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, जनजातीय कल्याण, आवास और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य के संयुक्त प्रयासों से ओडिशा में औद्योगिक विकास नई गति पकड़ रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि ओडिशा को प्रकृति ने खनिज, वन, जल और मानव संसाधन सभी प्रकार की संपदाओं से समृद्ध किया है। यदि इन संसाधनों का सही उपयोग किया जाए तो ओडिशा देश का अग्रणी राज्य बन सकता है। उन्होंने कहा कि यदि सभी हितधारक 2036 तक "समृद्ध ओडिशा" के निर्माण का लक्ष्य पूरा करते हैं, तो यह 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में राज्य का सबसे बड़ा योगदान होगा।
राष्ट्रपति ने विधायकों को याद दिलाया कि वे जनता के प्रतिनिधि हैं और नागरिकों की उम्मीदें उनसे जुड़ी हैं। उनका कर्तव्य है कि वे नागरिकों के सपनों को पूरा करें और उनके चेहरों पर मुस्कान लाएं। उन्होंने तकनीकी युग के प्रभाव पर भी कहा कि जनप्रतिनिधियों के शब्द और आचरण आज अधिक पारदर्शी और प्रभावशाली हो गए हैं। इसलिए हर विधायक को जिम्मेदारी, संयम और राष्ट्र-प्रथम भावना के साथ कार्य करना चाहिए।