भारत में फोर्टिफाइड चावल योजना और सहकारी उत्पादों पर GST में कटौती
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सरकार ने फोर्टिफाइड चावल योजना के तहत आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी12 से चावल की आपूर्ति और वितरण को बढ़ावा दिया।
जीएसटी सुधारों के तहत दूध, पनीर, मक्खन और डेयरी उत्पादों पर कर दर घटाकर 5% की गई, जिससे सहकारी समितियों को लाभ होगा।
Delhi/ भारत सरकार ने फोर्टिफाइड चावल, दलहनों, मसूर और मटर की आपूर्ति, सहकारी समितियों/परिसंघों जैसे एनएएफईडी (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) के माध्यम से नहीं होने की स्पष्ट जानकारी दी है। हालांकि, धान और कच्ची दालों का प्रापण इन संस्थाओं के माध्यम से किया जाता है।
सरकार ने आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी12 से समृद्ध चावल के फोर्टिफिकेशन के लिए केंद्रीय प्रायोजित योजना लागू की है। इस योजना का उद्देश्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS), एकीकृत बाल विकास सेवाएँ (ICDS), प्रधानमंत्री पोषण योजना (PM-POSHAN), प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) आदि के अंतर्गत फोर्टिफाइड चावल का वितरण कर माइक्रोन्यूट्रिएंट की कमी को दूर करना है। भारत सरकार ने जुलाई 2024 से दिसंबर 2028 तक सभी कल्याणकारी योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल की सार्वभौमिक आपूर्ति जारी रखने का अनुमोदन किया है।
तमिलनाडु सहित विभिन्न राज्यों की सहकारी समितियों और बैंकों से प्राप्त ज्ञापनों के आधार पर सरकार ने जीएसटी दरों में सुधार किया है। दूध और पनीर पर जीएसटी शून्य कर दी गई है, जबकि मक्खन, घी, पनीर और दूध के डिब्बों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया गया है। जैम, जेली, फ्रूट पल्प, फ्रूट जूस आधारित पेय पदार्थ, चॉकलेट, केक, बिस्कुट और आइसक्रीम सहित कई खाद्य पदार्थों की जीएसटी दर 12%/18% से घटाकर 5% कर दी गई है।
कृषि क्षेत्र में अमोनिया, सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड, जैव-कीटनाशक और माइक्रोन्यूट्रिएंट पर जीएसटी घटाकर 5% किया गया है। इसके अलावा, 1800 सीसी से कम ट्रैक्टर और उनके आवश्यक घटकों पर जीएसटी 5% कर किसानों और सहकारी समितियों की कुल इनपुट लागत कम की गई है।
इन उपायों से सहकारी समितियों के उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी और राजस्व में सुधार होगा।