2026 समिट से पहले भारत ने IBCA सहयोग को मजबूत किया, वैश्विक बिग कैट संरक्षण पर सहमति
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IBCA के तहत वैश्विक सहयोग से सभी सात बिग कैट प्रजातियों के संरक्षण और उनके प्राकृतिक वास की सुरक्षा को रणनीतिक रूप से मजबूत किया जाएगा।
भारत 2026 में ग्लोबल बिग कैट्स समिट की मेजबानी करते हुए अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञता, तरीकों और अनुभवों को नीति निर्माण में शामिल करने की दिशा में काम करेगा।
मंत्रालय ने पारिस्थितिक संतुलन, जलवायु लचीलापन और प्रकृति-आधारित विकास मॉडल के जरिये संरक्षण को आर्थिक प्रगति से जोड़ने पर जोर दिया।
New Delhi/ केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने कल 8 दिसंबर नई दिल्ली में इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (IBCA) के फ्रेमवर्क के तहत ‘बिग कैट कंजर्वेशन के लिए सहयोगात्मक पहल’ पर उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में बिग-कैट रेंज वाले देशों के राजदूत और उच्चायुक्तों के साथ भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही। मंत्री ने कहा कि IBCA प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की वह वैश्विक दृष्टि है जो विश्वास, साझेदारी और साझा जिम्मेदारी पर आधारित है। उन्होंने बाघ, शेर, हिम तेंदुआ, तेंदुआ, चीता, प्यूमा और जगुआर जैसी प्रजातियों के पारिस्थितिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि ये प्रजातियां केवल आकर्षक नहीं बल्कि पारिस्थितिक संतुलन को कायम रखने में अहम भूमिका निभाती हैं।
भारत 2026 में नई दिल्ली में ग्लोबल बिग कैट्स समिट की मेजबानी करने जा रहा है। मंत्री ने सभी बिग-कैट रेंज वाले देशों से रणनीति, अनुभव और श्रेष्ठ प्रथाओं को साझा करने तथा IBCA से जुड़कर संरक्षण प्रयासों को और मजबूत बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत का संरक्षण दृष्टिकोण जीवनशैली, संस्कृति और प्रकृति-आधारित समाधानों पर आधारित है, जिसका लक्ष्य आर्थिक प्रगति के साथ पारिस्थितिक संतुलन को भी मजबूत करना है।
बैठक का समापन ज्ञान-साझेदारी, क्षमता निर्माण और संयुक्त कार्रवाई की साझा प्रतिबद्धता के साथ हुआ। भारत ने स्पष्ट किया कि वह सभी साझेदार देशों के साथ मिलकर सातों बिग कैट प्रजातियों और उनके प्राकृतिक वास के संरक्षण के लिए दीर्घकालिक समाधान तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है।