लाल चंदन संरक्षण के लिए एनबीए की ऐतिहासिक फंडिंग | ABS डिस्बर्समेंट 110 करोड़ पार

Fri 21-Nov-2025,03:49 PM IST +05:30

ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

Follow Us

लाल चंदन संरक्षण के लिए एनबीए की ऐतिहासिक फंडिंग | ABS डिस्बर्समेंट 110 करोड़ पार
  • लाल चंदन संरक्षण के लिए एनबीए ने 110 करोड़ से अधिक एबीएस राशि जारी की।

  • आंध्र प्रदेश में सुरक्षा, वैज्ञानिक प्रबंधन और पौधारोपण कार्यक्रम को बढ़ावा।

  • किसानों व स्थानीय समुदायों को लाभ-साझाकरण से आर्थिक सशक्तिकरण।

Delhi / New Delhi :

Andhra pradesh/ राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) ने देश के जैव विविधता संरक्षण प्रयासों को सुदृढ़ करने के लिए बहुमूल्य लाल चंदन की लकड़ी की सुरक्षा और संरक्षण के लिए आंध्र प्रदेश वन विभाग को 38.36 करोड़ रुपये और आंध्र प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड को 1.48 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसके साथ, देश की एक्सेस एंड बेनिफिट शेयरिंग (एबीएस) डिस्बर्समेंट ने 110 करोड़ रुपये का प्रभावशाली आंकड़ा पार कर लिया है, जो जैव विविधता से जुड़ी देश की सबसे बड़ी एबीएस रिलीज़ में से एक है।

लाल चंदन अपनी गहरी लाल लकड़ी के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यह प्राकृतिक रूप से, देश के केवल पूर्वी घाट के खास क्षेत्रो में, विशेषकर आंध्र प्रदेश के अनंतपुर, चित्तूर, कडप्पा, प्रकाशम और कुरनूल जिलों में उगता है। आंध्र प्रदेश वन विभाग ने नीलाम या जब्त की गई लाल चंदन की लकड़ी से लाभ-साझाकरण राशि के रूप में 87.68 करोड़ रुपये अर्जित किए।

अब तक, एनबीए ने लाल चंदन की लकड़ी के संरक्षण, सुरक्षा और अनुसंधान के लिए आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा के वन विभागों और आंध्र प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड को 49 करोड़ रुपये से अधिक जारी किए हैं। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश में 198 किसानों को 3 करोड़ रुपये और तमिलनाडु में 18 किसानों को 55 लाख रुपये वितरित किए गए हैं।

आंध्र प्रदेश वन विभाग को अभी जारी 38.36 करोड़ की राशि से अग्रिम पंक्ति के वन कर्मचारियों को और सशक्त बनाया जाएगा, सुरक्षा उपाय बढ़ाए जाएंगे, लाल चंदन वनों के वैज्ञानिक प्रबंधन को प्रोत्साहित किया जाएगा, जैव विविधता प्रबंधन समितियों के माध्यम से आजीविका के अवसर उत्पन्न किए जाएंगे और इस बहुमूल्य लकड़ी के व्यावसायिक भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम को चिह्नित करते हुए दीर्घकालिक निगरानी कार्यक्रम को मजबूत किया जाएगा।

इसके अलावा, एनबीए ने आंध्र प्रदेश जैव विविधता बोर्ड द्वारा 2 करोड़ रुपये  की लागत से लाल चंदन के एक लाख पौधे उगाने की एक बड़ी पहल को भी मंजूरी दी है। एक प्रारंभिक राशि पहले जारी की गई थी और शेष 1.48 करोड़ रुपये अब आंध्र प्रदेश जैव विविधता बोर्ड को हस्तांतरित कर दिए गए हैं। इन पौधों को बाद में किसानों को दिया जाएगा, जिससे ट्रीज आउटसाइड फॉरेस्ट (टीओएफ) कार्यक्रम को बढ़ावा मिलेगा और इस दुर्लभ प्रजाति को इसके प्राकृतिक आवास से बाहर संरक्षित करने में मदद मिलेगी।

इस ऐतिहासिक पहल से पता चलता है कि वैश्विक जैव विविधता सिद्धांतों को लागू करने में नेतृत्व को उजागर करके कैसे एक्सेस एंड बेनिफिट शेयरिंग (एबीएस) देश की उपलब्धियों में सीधे मदद कर सकता है। इससे लाल चंदन के संरक्षण से जुड़े लाभ स्थानीय समुदायों, किसानों और जैव विविधता संरक्षकों को मिलना सुनिश्चित होता है। एनबीए आने वाली पीढ़ियों के लिए देश की समृद्ध जैविक विरासत की रक्षा के लिए राज्य जैव विविधता बोर्डों, वन विभागों, जैव विविधता प्रबंधन समितियों और स्थानीय हितधारकों के साथ काम करना जारी रखेगा।