Haryana में 72 VIP की सुरक्षा वापस, 200 से ज्यादा PSO FILD DUTY में लौटे
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हरियाणा पुलिस ने थ्रेट असेसमेंट के आधार पर 72 वीआईपी की सुरक्षा हटाकर 200 से अधिक पीएसओ को फील्ड ड्यूटी में लौटाया।
डीजीपी ओ.पी. सिंह ने स्पष्ट किया कि अब केवल वास्तविक खतरे वाले व्यक्तियों को ही वीआईपी सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।
Chandigard/ हरियाणा में वीआईपी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गुरुवार को हरियाणा पुलिस ने एक बड़ा और सख्त फैसला लिया। जिला स्तर पर आयोजित सुरक्षा समीक्षा बैठकों के बाद प्रदेश में 72 वीआईपी की सुरक्षा वापस ले ली गई है। यह निर्णय थ्रेट परसेप्शन, एक्सटॉर्शन कॉल और वास्तविक खतरे के आकलन के आधार पर लिया गया। इस कदम के बाद 200 से अधिक पुलिस सुरक्षा अधिकारियों (पीएसओ) को वीआईपी ड्यूटी से हटाकर फील्ड ड्यूटी में वापस लगाया गया है।
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ.पी. सिंह ने स्वयं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट साझा कर इस कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि वीआईपी सुरक्षा की लगातार समीक्षा की जाएगी और आगे केवल उन्हीं व्यक्तियों को सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी, जिन्हें वास्तव में जान का खतरा है। डीजीपी ने कहा कि पुलिस बल का प्राथमिक कार्य अपराधियों से निपटना और आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, न कि अनावश्यक रूप से निजी सुरक्षा में बल की तैनाती करना।
गौरतलब है कि इससे पहले 10 दिसंबर को हरियाणा पुलिस ने दिग्विजय चौटाला, देवेंद्र कादियान और पूर्व एडीजीपी परमजीत अहलावत सहित कुछ प्रमुख व्यक्तियों की सुरक्षा भी वापस ले ली थी। यह कार्रवाई इसी व्यापक समीक्षा प्रक्रिया का हिस्सा मानी जा रही है।
डीजीपी ओ.पी. सिंह ने एक नया दिशा-निर्देश पत्र जारी करते हुए पुलिस अधिकारियों को कहा है कि जिन कानून-पालन करने वाले नागरिकों को अपराधियों से वास्तविक खतरा है, उनकी प्रभावी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। साथ ही उन्हें हथियार लाइसेंस, आवश्यक प्रशिक्षण, बचाव उपाय और दैनिक दिनचर्या से जुड़ी सुरक्षा सलाह भी दी जाए।
इसके अलावा, निजी सुरक्षा एजेंसियों को लेकर भी सख्त जांच के निर्देश दिए गए हैं। डीजीपी ने कहा कि सीआईडी द्वारा थ्रेट असेसमेंट के बाद ही किसी को सुरक्षा दी जाए। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि पुलिस बल को कुछ घरों के बाहर स्थायी रूप से तैनात कर दिया गया, तो आम जनता की सुरक्षा व्यवस्था कमजोर पड़ जाएगी।
यह फैसला प्रदेश में सुरक्षा संसाधनों के बेहतर और संतुलित उपयोग की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।