फर्जी कॉल सेंटर पर बड़ी कार्रवाई: 60 गिरफ्तार, लाखों डॉलर की साइबर ठगी का खुलासा
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जयपुर में दो फर्जी कॉल सेंटरों पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई.
60 आरोपी गिरफ्तार, लाखों डॉलर की साइबर ठगी का खुलासा.
FBI और बैंक अधिकारियों के नाम पर लोगों से की जा रही थी फर्जी वसूली.
Jaipur / जयपुर से आई इस खबर ने साइबर अपराध के बढ़ते खतरे को एक बार फिर साफ कर दिया है। शहर की मालवीय नगर और प्रताप नगर क्षेत्र में चल रहे दो फर्जी कॉल सेंटरों पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। इस संयुक्त छापेमारी में 49 पुरुष और 11 महिलाओं सहित कुल 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही पुलिस ने 57 कंप्यूटर और 3 लैपटॉप भी जब्त किए हैं, जिनका उपयोग साइबर ठगी में किया जा रहा था।
जयपुर पुलिस कमिश्नर सचिन मित्तल के अनुसार यह पूरा नेटवर्क खुद को Amazon और Apple की कस्टमर सर्विस टीम बताकर अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाता था। इंटरनेट पर फर्जी कस्टमर केयर नंबर गूगल सर्च में सबसे ऊपर दिखाए जाते थे, ताकि कोई भी व्यक्ति तकनीकी समस्या, रिफंड या अकाउंट शिकायत के लिए संपर्क करे तो सीधे इस गिरोह के पास पहुंच जाए।
कॉल आने के बाद पहले उसे गिरोह के "डायलर्स" संभालते थे। फिर बात को आगे "क्लोजर्स" यानी मुख्य ठगों तक पहुंचाया जाता था। ये क्लोजर्स खुद को अमेरिकी बैंक अधिकारी या सरकारी एजेंसी का प्रतिनिधि बताकर पीड़ितों से बैंक डिटेल्स, कार्ड नंबर और निजी जानकारी हासिल कर लेते थे। कई बार डराने के लिए फर्जी FBI नोटिस, टैक्स डिपार्टमेंट के दस्तावेज और कोर्ट वारंट भी भेजे जाते थे।
जांच में सामने आया कि गिरोह पीड़ितों के बैंक अकाउंट की जानकारी लेने के बाद उन्हें नया अकाउंट खुलवाने का झांसा देता था और इसी प्रक्रिया के नाम पर पैसा गिरोह के नियंत्रण वाले अकाउंट में ट्रांसफर करवाया जाता था। बाद में यह रकम क्रिप्टोकरेंसी और हवाला के माध्यम से भारत में भेज दी जाती थी। पुलिस का मानना है कि अब तक यह गिरोह लाखों डॉलर की ठगी कर चुका है।
यह कार्रवाई विशेष पुलिस आयुक्त राहुल प्रकाश (IPS) के निर्देशन में की गई। पुलिस उपायुक्त पूर्व संजय कुमार नैन (IPS) के नेतृत्व में टीम बनाई गई थी। छापेमारी में एसीपी मालवीय नगर आदित्य पूनियां और एसीपी सांगानेर विनोद शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
पुलिस को मौके पर हाईटेक कॉलिंग सिस्टम मिला, जिसमें EYEBEAM और VICI जैसे क्लाउड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा था। पूरा सिस्टम VPN पर चलता था, ताकि लोकेशन ट्रेस न हो सके। जब्त सिस्टम से हजारों अमेरिकी नागरिकों के बैंक रिकॉर्ड, कॉल रिकॉर्डिंग और धोखाधड़ी से जुड़े दस्तावेज मिले हैं।
अब पुलिस ने प्रतापनगर और मालवीय नगर थानों में BNS, IT एक्ट और दूरसंचार अधिनियम 2023 के तहत मामले दर्ज कर दिए हैं। फॉरेंसिक जांच के बाद इस नेटवर्क के और भी इंटरनेशनल कनेक्शन सामने आने की संभावना है।
यह मामला सिर्फ जयपुर ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए चेतावनी है। डिजिटल दुनिया ने सुविधाएं बढ़ाई हैं, लेकिन इसके साथ धोखाधड़ी के तरीके भी खतरनाक रूप से विकसित हो रहे हैं। पुलिस की यह कार्रवाई दिखाती है कि कोशिशें जारी हैं, लेकिन जागरूक रहना अब हर नागरिक की जिम्मेदारी बन चुका है।
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