राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार: राष्ट्रपति मुर्मु ने GI टैग, महिला सशक्तिकरण और वैश्विक पहचान पर दिया जोर

Tue 09-Dec-2025,05:38 PM IST +05:30

ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

Follow Us

राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार: राष्ट्रपति मुर्मु ने GI टैग, महिला सशक्तिकरण और वैश्विक पहचान पर दिया जोर
  • राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति मुर्मु ने कारीगरों के योगदान को सराहा और GI टैग व ODOP से वैश्विक पहचान बढ़ाने पर जोर दिया।

  • हस्तशिल्प क्षेत्र 32 लाख लोगों को रोजगार देता है, जिनमें 68% महिलाएं शामिल हैं, जिससे आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलता है।

  • पर्यावरण-अनुकूल और स्थानीय संसाधनों आधारित हस्तशिल्प उद्योग कार्बन उत्सर्जन कम कर टिकाऊ जीवनशैली और हरित अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है।

Delhi / New Delhi :

New Delhi/ राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 9 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली में वर्ष 2023 और 2024 के लिए राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने देशभर से आए उत्कृष्ट कारीगरों का सम्मान किया और भारतीय हस्तशिल्प परंपरा की निरंतरता एवं वैश्विक पहचान में उनके योगदान की सराहना की। राष्ट्रपति ने कहा कि कला मानव सभ्यता का दर्पण है, जो अतीत की स्मृतियों, वर्तमान की अनुभूतियों और भविष्य की आशाओं को जोड़ती है।

उन्होंने कहा कि भारत की सदियों पुरानी हस्तशिल्प संस्कृति आज भी जीवंत है क्योंकि कारीगरों ने समय के साथ नवाचार को अपनाते हुए अपनी मूल भावना को संरक्षित रखा है। भारतीय कारीगरों ने अपनी हर रचना में देश की मिट्टी की महक और सांस्कृतिक पहचान को संजोया है।

राष्ट्रपति ने बताया कि हस्तशिल्प क्षेत्र न केवल सांस्कृतिक विरासत का संवाहक है बल्कि लाखों लोगों की आजीविका भी इसी पर निर्भर है। यह उद्योग देश में 32 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कर रहा है और इनमे से अधिकांश ग्रामीण एवं दूरदराज के क्षेत्रों से आते हैं, जो समावेशी विकास के दृष्टिकोण को मजबूत करता है।

उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि हस्तशिल्प workforce में 68% महिलाएँ शामिल हैं, जो इसे महिला सशक्तिकरण का मजबूत साधन बनाता है। कारीगरों को आर्थिक स्थिरता के साथ समाज में पहचान और सम्मान भी मिलता है।

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक और स्थानीय संसाधनों पर आधारित यह उद्योग पर्यावरण अनुकूल और कम कार्बन उत्सर्जन वाला है, जो टिकाऊ जीवनशैली की दिशा में दुनिया के प्रयासों के अनुरूप है।

राष्ट्रपति ने जीआई टैग की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि यह भारतीय हस्तशिल्प की विशिष्टता को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण है। उन्होंने हितधारकों से अपने अनूठे उत्पादों के लिए जीआई टैग के आवेदन को बढ़ावा देने की अपील की और बताया कि "एक जिला एक उत्पाद" (ODOP) पहल भारतीय शिल्पों को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने में बड़ी भूमिका निभा रही है।

अंत में उन्होंने कहा कि भारतीय हस्तशिल्प उत्पादों की विश्व स्तर पर मांग बढ़ रही है और यह क्षेत्र युवाओं, डिजाइनरों और उद्यमियों के लिए अपार अवसर प्रदान करता है।