प्रधानमंत्री मोदी का आंध्र प्रदेश–तमिलनाडु दौरा: सत्य साई बाबा शताब्दी व नेचुरल फार्मिंग समिट

Tue 18-Nov-2025,12:42 PM IST +05:30

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प्रधानमंत्री मोदी का आंध्र प्रदेश–तमिलनाडु दौरा: सत्य साई बाबा शताब्दी व नेचुरल फार्मिंग समिट पीएम द्वारा स्मारक सिक्का-विमोचन, PM-KISAN किस्त जारी और साउथ इंडिया नेचुरल फार्मिंग समिट का शुभारंभ
  • पीएम मोदी पुट्टापर्थी में सत्य साई बाबा शताब्दी समारोह में शामिल होंगे

  • कोयंबटूर में साउथ इंडिया नेचुरल फार्मिंग समिट का उद्घाटन और PM-KISAN किस्त जारी

  • 50,000 से अधिक किसान व विशेषज्ञों की भागीदारी, प्राकृतिक खेती को बड़ा प्रोत्साहन

Andhra Pradesh / Puttaparthi :

तमिलनाडु/ सुबह लगभग 10 बजे प्रधानमंत्री आंध्र प्रदेश के पुट्टापर्थी में भगवान श्री सत्य साई बाबा के पवित्र स्थल और महासमाधि पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। लगभग 10:30 बजे वे भगवान श्री सत्य साई बाबा की शताब्दी समारोह में शामिल होंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री भगवान श्री सत्य साई बाबा के जीवन, शिक्षाओं और उनकी अनन्त आध्यात्मिक विरासत को सम्मानित करते हुए एक स्मारक सिक्का और डाक टिकटों का सेट जारी करेंगे। कार्यक्रम के दौरान वे सभा को संबोधित भी करेंगे।

इसके बाद प्रधानमंत्री कोयंबटूर, तमिलनाडु रवाना होंगे, जहाँ वे दोपहर लगभग 1:30 बजे साउथ इंडिया नेचुरल फार्मिंग समिट का उद्घाटन करेंगे। कार्यक्रम में वे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) की 21वीं किस्त भी जारी करेंगे, जिसके अंतर्गत देशभर के 9 करोड़ किसानों को 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री सभा को संबोधित भी करेंगे।

साउथ इंडिया नेचुरल फार्मिंग समिट का आयोजन 19 से 21 नवंबर 2025 तक तमिलनाडु नेचुरल फार्मिंग स्टेकहोल्डर्स फोरम द्वारा किया जा रहा है। इस समिट का उद्देश्य सतत, पर्यावरण-अनुकूल और रसायन-मुक्त कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना है। साथ ही यह प्राकृतिक एवं पुनर्योजी कृषि को भारत के कृषि भविष्य के लिए एक टिकाऊ, जलवायु-स्मार्ट और आर्थिक रूप से लाभकारी मॉडल के रूप में आगे बढ़ाने का प्रयास है।

इस समिट में किसान-उत्पादक संगठनों और ग्रामीण उद्यमियों के लिए बाज़ार से जुड़ाव को मजबूत करने पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही जैविक इनपुट, एग्रो-प्रोसेसिंग, पर्यावरण-अनुकूल पैकेजिंग और स्वदेशी तकनीकों में नवाचारों का प्रदर्शन भी किया जाएगा। इस कार्यक्रम में तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल, तेलंगाना, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से 50,000 से अधिक किसान, प्राकृतिक खेती के विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, जैविक इनपुट आपूर्तिकर्ता, विक्रेता और अन्य हितधारक भाग लेंगे।