भारत में चिकित्सा शिक्षा पर बड़ा अपडेट: डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात 1:811, मेडिकल सीटों में ऐतिहासिक बढ़ोतरी

Tue 02-Dec-2025,11:00 PM IST +05:30

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भारत में चिकित्सा शिक्षा पर बड़ा अपडेट: डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात 1:811, मेडिकल सीटों में ऐतिहासिक बढ़ोतरी
  • भारत का डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात 1:811 दर्ज किया गया, WHO के मानक 1:1000 से बेहतर प्रदर्शन, स्वास्थ्य मानव संसाधन में निरंतर सुधार।

     

  • 2014 से मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुने से अधिक बढ़कर 818 हुई, UG और PG मेडिकल सीटों में ऐतिहासिक स्तर पर वृद्धि दर्ज। भारत में 42.94 लाख नर्सिंग कर्मी पंजीकृत, 5,253 नर्सिंग संस्थान हर वर्ष लगभग 3.87 लाख प्रशिक्षित नर्स तैयार करते हैं।

Delhi / New Delhi :

नई दिल्ली/ भारत में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य संसाधनों का विस्तार पिछले एक दशक में तेजी से हुआ है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, देश में एलोपैथिक और आयुष चिकित्सकों की सम्मिलित उपलब्धता के आधार पर डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात 1:811 है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा सुझाए गए 1:1000 मानक से बेहतर है। यह सुधार स्वास्थ्य ढांचे में बढ़ते निवेश और मेडिकल शिक्षा के विस्तार का सकारात्मक संकेत देता है।

साल 2014 से अब तक भारत के मेडिकल सेक्टर में उल्लेखनीय प्रगति देखी गई है। मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर 818 हो गई है। इसी अवधि में स्नातक (UG) मेडिकल सीटों में 51,348 से बढ़कर 1,28,875 तक और स्नातकोत्तर (PG) सीटों में 31,185 से बढ़कर 82,059 तक की तेज वृद्धि दर्ज की गई है। यह छात्रों के लिए बेहतर अवसरों और देश में स्वास्थ्य सेवाओं के भविष्य को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

नर्सिंग क्षेत्र भी लगातार मजबूत हो रहा है। भारतीय नर्सिंग परिषद (INC) के अनुसार, देश में 42.94 लाख पंजीकृत नर्सिंग कर्मी मौजूद हैं। साथ ही 5,253 नर्सिंग संस्थान, जिनमें से 4,444 निजी और 809 सरकारी हैं, हर वर्ष लगभग 3.87 लाख नर्स तैयार कर रहे हैं। भारत की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को देखते हुए यह वृद्धि अत्यंत महत्त्वपूर्ण मानी जा रही है।

आईपीएचएस 2022 के दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्रति 1000 की आबादी पर 1 अस्पताल बिस्तर का प्रावधान किया गया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC), उप-जिला अस्पताल और जिला अस्पतालों की स्थापना भी जनसंख्या के अनुपात में संरचित की गई है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच को सुधारने का प्रयास स्पष्ट दिखाई देता है।

देश में उपलब्ध कुल 13,86,150 एलोपैथिक डॉक्टर और 7,51,768 आयुष चिकित्सक स्वास्थ्य ढांचे को मज़बूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। दोनों श्रेणियों में 80% उपलब्धता मानते हुए, भारत का डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात वर्तमान समय में वैश्विक मानकों के अनुरूप है।

भारत की स्वास्थ्य गतिशीलता (HDI) 2022–23 में ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं, अस्पतालों, डॉक्टरों और नर्सिंग संसाधनों का विस्तृत डेटा उपलब्ध है, जो सरकारी और निजी चिकित्सा इन्फ्रास्ट्रक्चर की मजबूती को दर्शाता है।