विजयवाड़ा में कृष्णवेणी संगीता नीरजनम 2025 का शुभारंभ, 98 कलाकार प्रस्तुतियाँ देंगे
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महोत्सव में 98 कलाकारों द्वारा 18 कर्नाटक संगीत प्रस्तुतियाँ होंगी, जिससे विजयवाड़ा को प्रमुख संगीत पर्यटन गंतव्य के रूप में प्रचार मिलेगा।
पंचरत्न कृतियों की विशेष प्रस्तुति मल्लाडी बंधुओं के नेतृत्व में दुर्गा घाट पर आयोजित होगी, जिसमें सैकड़ों छात्र भी शामिल होंगे।
जीआई-टैग उत्पादों और हथकरघा की प्रदर्शनी वोकल फॉर लोकल मिशन को बढ़ावा देगी, जिससे कारीगर सीधे दर्शकों और बाजारों से जुड़ेंगे।
नई दिल्ली/ भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और संगीत नाटक अकादमी के सहयोग से 6 और 7 दिसंबर 2025 को विजयवाड़ा में प्रतिष्ठित कृष्णवेणी संगीता नीरजनम के तीसरे संस्करण का आयोजन कर रहा है। इस वर्ष का महोत्सव आंध्र प्रदेश की समृद्ध तेलुगु संगीत परंपराओं को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने का उद्देश्य लेकर आया है।
वर्ष 2025 का थीम- “तेलुगु संगीत परंपराओं की समृद्धि का उत्सव”- राज्य की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने, संगीत-पर्यटन को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय कलाकारों, कारीगरों, बुनकरों को व्यापक पहचान दिलाने की पहल है।
विजयवाड़ा के प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र तुम्मलपल्लीवारी क्षेत्रय्या कलाक्षेत्रम में 98 विशेष कलाकारों द्वारा दो दिनों में 18 शास्त्रीय प्रस्तुतियाँ दी जाएंगी। उद्घाटन आंध्र प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री कंडुला दुर्गेश करेंगे।
सांस्कृतिक विविधता और सामुदायिक भागीदारी का अनूठा संगम
महोत्सव का सबसे विशेष आकर्षण 7 दिसंबर की सुबह 7 बजे दुर्गा घाट पर पेश होने वाली पंचरत्न कृतियों की सामूहिक प्रस्तुति होगी, जिसका नेतृत्व प्रसिद्ध मल्लाडी बंधु करेंगे। विजयवाड़ा और गुंटूर सरकारी संगीत महाविद्यालयों के दर्जनों छात्र इसमें शामिल होकर सामुदायिक संगीत परंपरा को नई ऊर्जा देंगे।
इसके साथ-साथ, आंध्र प्रदेश के कई जीआई-टैग उत्पाद, हस्तशिल्प और पारंपरिक वस्त्रों की प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी। इसमें शामिल होंगे-
• कोंडापल्ली खिलौने
• एटिकोपका लाह के बर्तन
• उदयगिरि लकड़ी के कटलरी
• चमड़े की कठपुतली
• नरसापुर लेस
• मंगलगिरि, वेंकटगिरि, उप्पाडा, चिराला और मोरागुडी हथकरघा उत्पाद
यह पहल “वोकल फॉर लोकल” दृष्टिकोण को बढ़ावा देते हुए कारीगरों, बुनकरों और स्थानीय उद्योगों को नई पहचान दिलाएगी।
राज्यव्यापी प्री-इवेंट कॉन्सर्ट
महोत्सव को राज्यभर में लोकप्रिय बनाने के लिए 3 महत्वपूर्ण मंदिर नगरों में पूर्व-समारोह कर्नाटक संगीत कार्यक्रम आयोजित किए गए —
• 29 नवंबर को श्रीकालहस्ती
• 1 दिसंबर को सिंहाचलम
• 2 दिसंबर को श्रीशैलम
इन कार्यक्रमों ने संगीत और अध्यात्म को जोड़ते हुए हजारों लोगों को आकर्षित किया।
डिजिटल और वैश्विक पहुँच
विश्व भर के दर्शक इस महोत्सव की लाइव स्ट्रीमिंग पर्यटन मंत्रालय के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर देख सकेंगे।
(लिंक समाचार में दिया गया है)
आंध्र प्रदेश स्टार होटल्स एसोसिएशन (ASHA) ने भी महोत्सव के प्रचार, प्रेस वार्ता और पर्यटन गतिविधियों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।